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गौमूत्र (अर्क) को अमेरिका में शीर्ष अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा कई परीक्षणों द्वारा विश्व पेटेंट से सम्मानित किया गया है। इसकी संख्या अमेरिका हैः- यू.एस. 2004/0248738ए1
गौमूत्र (पंचगव्य) से मानव शरीर के कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी, सोरायसिस, श्वास प्रणाली के रोगों और पाचन तंत्र की 108 तरह की बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। आज देशभर में पंचगव्य द्वारा निर्मित औषधि के वितरण के हजारों केंद्र शुरू हुए है। लाखों लोगों को असाध्य रोगों में लाभ हुआ है। कैंसर जैसी बीमारियों मैं भी हजारों लोगों को गौमुत्र चिकित्सा ने लाभान्वित किया है। इसी तरह,गोमूत्र चिकित्सा द्वारा पशुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन में भी अद्भुत परिणाम प्राप्त करके पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है। पशुओं को रोग मुक्त किया जा सकता है। गोमूत्र चिकित्सा आयुर्वेद का ही एक हिस्सा है।
नाइट्रोजन | सल्फर | अमोनिया |
कॉपर | लोहा | कार्बोलिक एसिड |
फॉस्फेट | सोडियम | पोटेशियम |
मैंगनीज | कैल्शियम | नमक |
यूरिया | एंजाइम | क्रिएटिन |
हॉरमोन | सुवर्णक्षार | पानी |
अमोनिया गैस | यूरिक एसिड | हिप्पुरिक एसिड |
विटामिन ए. बी. सी. डी. इ. | 42 प्रकार के खनिज | लॅक्टोझ |
उपरोक्त 24 प्रकार के पदार्थ (तत्व) गौमूत्र में निहित हैं। इनके अलावा, वैज्ञानिकों द्वारा अभी तक खोजें नहीं गए कई तत्व भी गौमूत्र में हैं। गौमूत्र एक पूर्ण और प्राकृतिक औषधि है, जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। गोमूत्र न केवल प्रकट रोग की सफलता-पूर्वक चिकित्सा करता है अपितु यह अ-प्रकट रोगों पर भी कार्य कर उनका निदान कर देता है।
।। मातार: सर्व भूतानाम, गावो सर्व सुख प्रदा।।
जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है, गौमाता सभी प्राणियों की माँ है। एक माँ जैसे अपने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित रहती है उसी प्रकार गौ माता सभी प्राणियों के स्वास्थ्य की रक्षा करती है। साथ ही सभी प्राणियों को प्रसन्नता तथा स्वास्थ्य प्रदान कर उन्हें सहजता प्रदान करती हैं।